14 August 2016

एक छोटा सा संवेदन है


No automatic alt text available.


एक छोटा सा संवेदन है 
करुणा है और बस रुदन है 
हाथों में प्याला भावों का 
होठों पर आत्म निरीक्षण है
यह समय बड़ा ही विलक्षण है

चिड़िया आती है गाती है
सब अपने घर को जाती है
हम खड़ा यहां यू बाट जोहते
क्या मान लूं मैं मधुशाला को 
अपने कवि की उस रचना को

पथिक बनू और चल दूं राह को
एक पकड़ के सीधा
शर्त मगर मेरी इतनी है 
साथ रहे मेरी पीरा
और गीत बने मेरी हाला

शर्त मगर मेरी इतनी है याद रहूं मैं तुझको
भूलना चाहो फिर भी तुम भूल न पाओ मुझको
शर्त मगर मेरी इतनी है साथ रहे मेरी पीड़ा
और गीत बने मेरी हाला

उसको भी हैं हक हम पर वह भी तो जान लूटाती है
बिना बुलाए ही मेरे पास हमेशा आती है
मदीरा का है शौक मगर मधुशाला को नहीं जाना
संभव हो तो घर भिजवादो व पुरानी प्याला
वापस कर दो मेरी बिखरी व प्यारी सी हाला//

No comments:

Featured Post

Shashi Bhushan Kumar

लगभग 3 साल पहले एक movie आई थी , ज़िन्दगी ना मिलेगी दोबारा (ZNMD) … काफी hit हुई थी , शायद आपने भी देखी हो !!! पर क्या आपने कभी इ...