समाज के कुछ असामाजिक तत्वों के द्वारा गौरक्षा के नाम पर कुछ स्थानों पर कानून अपने हाथ में ले कर एवं हिंसा फैलाकर समाज का सौहार्द दूषित करने के प्रयास किया जा रहे है । इससे गौरक्षा एवं गौसेवा के पवित्र कार्य के प्रति आशंकाएं उठ सकती है । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ देशवासियों से आवाहन करता है की गौरक्षा के नाम पर कुछ मुठ्ठी भर अवसरवादी लोगों के ऐसे निंदनीय प्रयासों को , गौरक्षा के पवित्र कार्य में लगे देशवासियों से ना जोड़े और उनका असली चेहरा सामने लायें । राज्य सरकारों से भी हम आवाहन करते है कि ऐसे तत्वों पर उचित कानूनी कार्यवाही करें तथा गौरक्षा एवं गौसेवा के सच्चे कार्य को बाधित न होने दे|भारत एक कृषि प्रधान देश है और भारतीय गौ सदैव देश की कृषि का आधार रही है| रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के बेतहाशा प्रयोग से जब सारा विश्व पीड़ित है तब गौ आधारित आर्गेनिक कृषि का महत्व और भी बढ़ जाता है, इसलिए गौसेवा और गौरक्षा के सम्बन्ध में हिन्दू समाज तथा अन्य समाज बंधुओं की श्रद्धा एक महत्त्वपूर्ण पक्ष है | गाँधी जी, विनोबा जी तथा मालवीय के सहश श्रेष्ठ व्यक्तियों ने इस पवित्र कार्य को इसीलिए अपने जीवन का प्रमुख कार्य माना था |
प्रेषक
डॉ. मनमोहन वैद्य (अ. भा. प्रचार प्रमुख)
दिल्ली,
७ अगस्त, २०१६
७ अगस्त, २०१६
No comments:
Post a Comment